Wednesday 6 May 2020

Dadi ki kahani

दोस्तों,
दादी के किस्से तो आप लोग बहुत सुने होंगे , लेकिन आज मैं अपनी दादी के याद में एक किस्से शेयर कर रहा हूँ,,जो मेरे और मेरे दादी के बारे में हैं।
(अगर अछि लगे तो comment shere जरूर करे)
एक बार की बात है घर पर हम सभी भाई बहन दीदी के सादी में इक्कठा हुए थे। उसी समय घर पर गन्ना (ईख) बोई गई थी ,अभी हमलोग घर पे ही थे तो उस गन्ने से गुड़ बनाया गया था ।
मेरी दादी उस गुड़ को छत पर छिपा कर रख दी थी😢 चुकी हम सभी भाई बहन घर पर इक्कठे थे तो लुक छिपी खेलते थे ।तभी खेलते खेलते एक दिन हम लोग गुड़ देख लिए ,फिर क्या था👉 मजे ही मजे हम लोग बारी-बारी से छिपते और गुड़ खा लेते ऐसे करते -करते सारा गुड़ खत्म हो गया😳 बस ये था कि दादी को इधर गुड़ की जरूरत नही थी.🙄तो देखने नही जाती थी ।
एक दिन मेरे चाचा जी जो घर से दूर (उत्तराखंड)रहते थे ।तो वो घर आये और उन्होंने दादी से गुड़ मांगी ।फिर👉दादी ने जहाँ (कुंडा)घड़े में गुड़ छिपाया था,गई लेने,गुड़ न पाकर वो गुस्से👿😡में होकर पिता जी से बोल दी ,
फिर क्या था हम लोगो की पिता जी के द्वारा खूब पिटाई हुई।।।
(ये रही मेरे चाचू की दादी की कहानी😀)✍️मेरी डायरी।।

1 comment: